केवल 2 घंटे में तैयार हुआ था मोदी सरकार का मशन वुहान

नई दिल्ली। एयर इंडिया के सीएमडी अश्विनी लोहानी के पास 28 जनवरी की शाम करीब 6 बजे एक फोन आया. फोन सरकार की ओर से आया था और उसमें इमरजेंसी मीटिंग की बात कही गई. इमरजेंसी मीटिंग में चीन के वुहान में फंसे भारतीयों को दिल्ली लाने का टास्क दिया गया. सीएमडी लोहानी से पूछा गया, क्या आप इस टास्क को पूरा कर पाएंगे. दो घंटे बाद लोहानी ने सरकार को सूचित किया कि वह तैयार हैं. उन्होंने रात 8 बजे तक वहान जानेवाले स्टाफ को तैयार करने की जानकारी देकर सरकार को अपने दढ इरादे के बारे में बता दिया. सरकार से उ-?होंने कहा. बस ग्रीन सिग्नल का इंतजार है कि कब हमारी टीम को ठूत्रढ़ एयरपोर्ट से वुहान के लिए टेक ऑफ करेगी.31 जनवरी से 2 फरवरी के बीच एयर इंडिया ने वहान के लिए दो फ्लाइट (बोइंग 747 जंबो प्लेन ) रवाना की. दोनों फ्लाइट से 647 भारतीयों को स्वदेश लाया गया. इस ऑपरेशन में 78 स्टाफ की स्पेशल टीम लगी थी. टीम में एयर इंडिया से 68 और आर एमएल से 10, सफदरजंग हॉस्पिटल के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ शामिल थे. यह कहा जा रहा है कि चीन से जितने भी भारतीयों को दिल्ली लाना था, उसमें एक भी भारतीय ऐसा नहीं था. 78 सदस्यीय दल में से किसी ने फ्लाइट में बोर्ड कराने से मना किया हो.चीन में भारत के राजदत विक्रम मिस्त्री ने टवीट करते हए कहा- 'चीन के विदेश मंत्रालय और हबेई के स्थानीय अधिकारियों का एक बार फिर आभार. मैं बीजिंग में भारतीय दतावास. हबेई प्रांत के स्थानीय अधिकारियों और यात्रियों का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने लगातार करीब 96 घंटे तक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पेचीदा एयरलिफ्ट (लोगों को बाहर निकालने के कार्य) हमारे लिए किया.'दूसरी ओर, चीन में पढ़ाई कर रहे पाकिस्तानी छात्रों के बहुत से वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें वह अपनी देश की सरकार से भावुक अपील करते हुए भारत से सीख लेने और उन्हें वापस देश बलाने की मांग कर रहे हैं चीन में कोरोना वायरस के चलते 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग 14 हजार लोग संक्रमित हैं वायरल हो रहे वीडियो में से एक को पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने भी अपने आधिकारिक टिवटर हैंडल से टवीट किया 51 सेकेंड के इस वीडियो को शेयर करते हए इनायत ने लिखा. वहान में फंसे एक पाकिस्तानी छात्र ने दिखाया है कि कैसे भारतीय विद्यार्थियों को उनकी सरकार बाहर निकाल रही है. जबकि पाकिस्तान की सरकार ने अपने यहां के विद्यार्थियों को वहीं मरने के लिए छोड़ दिया है.